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: ६३६ . . . . . .. .. ... ... ... भगवतीसूक्रेट 'धेन करणेन प्रतिक्रामन् स्वयं न करोति कायेन ४३, "अहवा न कारवेइ मणसा ४४, अथवा एकविध प्राणातिपातम् एकविधेन करणेन प्रतिक्रामन् अन्यद्वारा न कारयति मनसा ४४, 'अहवा न कारवेइ वयसा ४५' अथवा एकविध माणातिपातम् एकविधेन करणेन प्रतिक्रामन् अन्यद्वारा न कारयति वचसा ४५, अहवा न कार वेइ कायसा ४६' अथवा एकविध प्राणातिपातम् एकविधेन करणेन प्रतिक्रामन् अन्यद्वारा न कारयति कायेन ४६, 'अहवा करे त णाणुजाणइ मणमा ४७' अथवा एकविध प्राणातिपातम् एकविधेन प्रतिक्रामन् कुर्वन्तं नानुजानाति नानुमन्यते मनसा ४७ 'अहवा करेंत नाणुजाणइ वयसा ४८' अथवा एकविध प्राणाकायसा ४३' अथवा जब वह एकविध प्राणातिपात का एकविध से प्रतिक्रमण करता है तब वह स्वयं उसे काय से नहीं करता है ४३' 'अहवा न कारवेइ मणसा ४४' अथवा जब वह एकविध प्राणातिपात का एकविध से प्रतिक्रमण करता है तब वह मन से अन्य के द्वारा उसे नहीं कराता है । 'अहवा न कारवेइ वयसा ४५ ' अथवा जब वह एकविध प्राणातिपातका एकविध से प्रतिक्रमण करता है तब वह उसे अपने ववल द्वारा दमरे से नहीं कराता है। "अहवा न कारवेड कायसा ४६' अथवा वह जब एकविध प्राणातिपातका एकविध से प्रतिक्रमण करता है तब वह उसे अन्यके द्वारा अपने शरीर से नहीं करवाता है । 'अहह्वा करेंतं णाणुजाणइ मणसा ४७' अथवा. जब वह एकविध प्राणातिपात का एकविधसे प्रतिक्रमण करता है तब वह प्राणातिपात करनेवाले व्यक्तिकी अथवा अपनी मनसे अनुमोदना नहीं करता है । अहवा करे तं णाणुजाणइ वयसा ४८, अथवा जब नयी. 'अहवा न कारवेइ मगसा ४४ (४) अथवा स्यारे मे आता પાણતિપાતનું એક પ્રકારે પ્રતિક્રમણ કરે છે, ત્યારે મનથી બીજા પાસે પ્રાણાતિપાત
शपती नथी. 'अहवा न कारवेइ वयसा ४५' (4) अथवा 22 प्रा२ना प्राणातियातनुं એક પ્રકારે પ્રતિક્રમણ કરતો નથી તે શ્રાવક વચનથી અન્યની પાસે પ્રાણાતિપાત કરાવત नथी 'अहवार न कारवेइ कायसा ४६' (6) अथवा मे मारना प्रातिपात એક પ્રકારે પ્રતિકમણ કરતો તે શ્રાવક કાયાથી બીજા પાસે પ્રાણુતિપાત કરાવતા નથી, 'अहवा करेंत णाणुजाणइ मणसा ४७' संयवा न्यारे ते मे प्रश्न!' आयातिપાતનું એક પ્રકારે પ્રતિક્રમણ કરે છે, ત્યારે તે પ્રાણાતિપાત કરનાર વ્યકિતની કે પોતાની