________________
प्रचन्द्रिका टी० शे० ५ ० ८ सू० १ पुद्गलस्वरूपनिरूपणम्
६८खे
पुत्ते अणगारे नारयपुत्तं एवं वयासी- दव्वादेसेण वि, मेअज्जो ! 'सव्वे पोग्गला सपएसा वि, अप्पएसा वि, अनंता खेत्तादेसेण वि एवं चेव, कालादेसेण वि, भावादेसेण वि एवं वेव, जे दव्वओ सपएसे से खेत्तओ नियमा अपएसे, कालओ सिय सपएसे, सिय अपए से, भावओ सिय सपए से सिय अपए से । जे खेतओ अपएसे से दव्वओ सिय सपएसे, सिय अपएसे, कालओ भयणाए, भावओ भयणाए । जहा खेत्तओ एवं कालओ, भावओ । जे दव्वओ सपएसे से खेतओ सिय सपए से, सिय अपसे, एवं कालओ, भावओ वि । जे खेत्तओ सपए से से दव्वओ नियमा सपएसे, कालओ भयणाए, भावओ भयजाए, जहा दव्वओ तहा कालओ, भावओ वि । एएसिणं भंते! पोग्गलाणं दव्वादेसेणं, खेत्तादेसेणं, कालादेसेणं, भावादे लेणं सपएसाणं अप्पएसाणं कयरे कयरेहिंतो जाव-विसेलाहिया वा ? नारयपुत्ता! सव्वत्थोवा पोग्गला भावादेसेणं अपएसा, काला देसेणं - अपएसा, असंखेज्जगुणा, दव्वादेसेणं अपएसा असंखेजगुणा, खेत्ता देसेणं अप्पसा असंखेज्जगुणा, खेत्ता देसेणं चेव सपएसा असंखेज्जगुणा, दव्वादेसेणं सपएसा विसेसिया हिया, कालादेसेणं सपएसा विसेसाहिया, भावादेसेणं सपएसा विसेसाहिया । तसे नारयपुत्ते अणगारे नियंठिपुत्तं अणगारं वंदइ, नसइ, वंदित्ता, नमंसित्ता एयमहं सम्मं विणएणं भुज्जो भुज्जो खामेइ, खामित्ता संजमेणं, तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ ॥ सू० १॥