________________
प्रमेयचन्द्रिका टीका २० ५. उ० ४ सू०१ छमस्थशब्दश्रवणनिरूपणम् ११३, वा, शूकरचविनद्धमुखो वाद्यविशेषः परिपरिता, तस्याः शब्दान्, 'पणव-. सदाणि वा ' पणवशब्दान् वा, पणवः ढोलइतिप्रसिद्धः वाधविशेषः, तस्य शब्दान: पा, 'पडहसदाणि वा' पटहशब्दान् वा, पणवभिन्नो वधविशेषः पटहः, तस्यशब्दान् वा 'भभासदाणि वा' भंभाशब्दान वा, ढकापदवाच्यो वायविशेषो भंभा तस्याः शब्दान् वा, 'होरंभसहाणि वा' होरम्भशब्दान् वा, रूढ्या लोके प्र. सिद्धो वाद्यविशेषः होरम्भः, तस्य शब्दान् वा, 'भेरीसद्दाणि वा' भेरीशब्दान वा, भेरीमहाढका, तस्याः शब्दान् वा, 'झल्लरीसदाणि वा ' अल्लरीशब्दान् वा, वलयाकारो वाघविशेषः झालरइति भाषायां प्रसिद्धः झल्लरी, तस्याः शब्दान् वा पोता शब्द है। 'परिपरिता' इस नाम के वाद्यविशेष के जो शब्द हैं अर्थात् जो इससे वजाने पर ध्वनि निकलती है वे परिपरिताशब्द हैं। यह पाजा सुअर के चमडे से मढा जातो है जो 'पणवसदाणि वा' पणव नाम ढोल का है। इस ढोलको बजते समय जो शब्द निकलते हैं वे पणव शब्द कहलाते हैं। 'पटहसदाणि वा' यह बाजा पणव से भिन्न प्रकार का होता है इसके बजने पर जो ध्वनि निकलती है वे पटह शब्द हैं। 'भभासदाणि वा' भंभानाम ढका नामक बाजे का है। इसके बजने पर जो आवाज निकलती है वे भंभाशब्द हैं। 'होरंभसहाणि वा ' यह भी एक प्रकार का बाजा होता है-इसके बजने पर जो ध्वनि निकलती है वेहोरंभ शब्द हैं। ‘भेरीसदाणि वा' भेरी नाम महाढका का है इस के बजने पर जो आवाज निकलती है वे भेरीशब्द हैं। 'झल्लरी सदोणि वा' वलय के आकार जैसा जो बाजा होता है पाना अवास परभुजाना"छ. (पोयासहाणि वा) भारी भ२. भुभान पाता"छ.तपाताना माने "पोतनाह . छ. (परिपरितामहोणि ) पश्पिरिता नानु पात्राय छ तेना ध्वनी परित्ताना है छते पान सुवरना याभाथी भयु.य छे. (पणवसहाणि वा) ढास पाउपाथी २ भवानी छ. ते२ " पशुपना" . (पहइसहाणि वा) ५७म पाथी रे सपा नाणे छ तेन " ५28ना" .(भंभासहाणि वा) नगाराना सवारीने "माना " हे छ. (होरभसहाणि वा) હેરભ નામનું વાજિંત્ર હોય છે. તેને વગાડવાથી ધ્વનિ નીકળે છે તેને "शन ' छ. (भेरीसहाणि वा) मेरी नामना पालिना मानने
भ०२५