________________
रोगारवा' फुलरोगा इति वा, गामरोगारा ग्रामरोगा इतिवा, कला इया' मण्डल 'प्रान्ते' इति मसिदम् तत्सम्बन्धिनो रोगा ममतोमा विका 'नयररोगाचा' नगररोगा इति मा, 'सीमवेयणा इमा' शीदना मिसा पीढा इति घा, 'अन्छियेयणा हवा' असिवेदना नेप्रपोरा इतिया, यो यणा पा' फर्णवेदना इति वा, 'नायेयणादा ' नम्बदना इति बा, 'पंत वेयणा पा' दन्तवेदना इति वा, 'इदग्गहापा' इन्द्रना उन्मादता इति वा इन्दकतोपद्रवविशेषा इन्द्रायेगा इत्पर्य 'सदमा मात्र ग्रहा. कार्तिकेयग्रहा स्कन्दावेशा इसिया, 'कुमारग्गा ' मारना वालग्रहा इति वा कुमारावेगा 'जफरवग्गहा इवा' यसमा इतिवा, गया व्यन्तरविशेपास्तद्ग्रा इत्पर्य । 'भूयग्गहाइपा' भूतबा इति बा, 'एमा हिया इ वा' एकाहिफा प्रतिदिनागन्तुका ज्वरविशेपा इति बा, 'मारिया पहुँचानेघाले मपिफ, गलम' पक्षी आदिकोंका होना, 'कसरोगाइमा' कुलमें रोगोंका होना, गामरोगाइ घा' ग्राममें रोगोंका होना, मंडल रोगाइ घा' प्रातोमें रोगोंका होना, 'नयर रोगाइमा' नगर में रोगीका होना, 'मीमवेयणा वा' शिरोंमें पोराका होगा 'अच्छियणा इचा' आखोंमें पीडाका होना, 'कण्ण देषणाइया' कानों में पीडा फा होना 'नहधेयणाहबा' नलोंमें बेदना का होना, 'दतइयणा घा' दांतोंमें पीराका होना, 'इदम्गहरया' इन्द्रकृत उपद्रवरूप उन्माद भादिकोंके कारणों का होना, 'सदग्गराइ वा, कीर्तिकेयग्रह स्कन्दाइय, 'कुमारग्गहाइ या' बालग्रह, जक्समाहा था, यक्षम्प प्यन्तरविशेषकृत उपद्रवरूपग्रह 'मुयग्गारवा' भूतग्रह एगाहियाइ घा' प्रतिदिन भानेवाला ज्वर, 'श्याहिमाबा' भने पक्षबानी पति यवी, 'कुलरोगाइ या' भी शान पो भयो, 'गामरोगार या' भिमान वा वो, मररोगाड मा ममा शानी यो, 'नयररोगाइ पा' नाभा शगाना am को, पीस पाभावाना हुभावो पा, 'मपिछवेयणारा नेत्रभावी , कण्णवेयणार माना x वी 'नइवेयणापा ना ना , 'दसरयणा घा' tael st' al, 'दाइ वा Urga B५१३५ 8-मा PUReq । स्वदम्गाइ पा 26
मारम्गा RE, 'जक्सग्गर या'
५५ , 'यूपग्गशया भूnिe, 'एगारियाह