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भगव
इति वा सोमस्य कायो निकायो येषामस्ति ते सोमकायिकाः सोमपरिवरस्ता 'सोमदेवयकाइया इवा' सोमदैवतकायिका इति वा, सोमदेवता तत्सामा सेपा फायो येषामस्ति ते सोमदेवतायिका सोमसामानिकादिदेव परिवारभूताः 'विज्जुकुमारा' विद्यत्कुमाराः 'विज्जुकुमारी ओ' विशुस्कुमार्यः, 'अम्भिकुमारा' अमिकुमारा ' अग्निकुमारीओ' अग्निकुमार्य ' श्रायुकुमारां श्रायुकुमारा 'वायुकुमारीओ' वायुकुमार्य 'चदा' चन्द्राः 'सूरा' सूर्या 'गहा' अा शनि खरादय, णवत्ता' नक्षत्राणि अश्विन्पादय, तारास्त्रा' तारारूपा यामण्णे' ये चाप्यन्ये 'हप्पगारा' armमकारा उत्सहस्रा 'सम्बे ते' सर्वे वे 'तन्भत्तिमा' तद्भक्तिफा तत्र सोमे भक्ति सेवा आदरो बहुमान वा य
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अथका उत्तर देना इसका नाम निर्देश है। 'तजा' आज्ञामादिका सपादन करनेवाले देवोंके नाम इस प्रकारसे हैं सामकाइया वा' सोमका निकाय जिनका है ये सेrमलोकपाल के परिवाररूप होते हैं। 'सेामदेवकाइयाइ बा' सोम महाराजके जो सामानिक आदि देव हैं वे साम देवता है । इन सोमदेवताओंके जो परिवार रूप देव हैं वे सोमदेवताकायिक देव हैं। 'विज्जुकुमारा' विशुस्कुमार, 'विज्जुकुमारीभा' विद्युत्कुमारिकाएँ 'अग्गि कुमारा' अग्निकुमार, 'अग्गिकुमारीओ' अभिकुमारिकाएँ 'वायुकुमारा' वायुकुमार, 'वायुकुमारिओ' षायुकुमारीकाएँ 'वदा' चन्द्र, 'खरा' सूर्य 'गा' शनिश्चर आदिग्रह णवत्ता' अश्विनी आदि नक्षत्र, 'ताराख्या' ओर तारारूप तथा 'जे यावण्णे' और भी जो 'तहप्पगारा' इनके जैसे 'तम्भतिया' सोमकी मक्तिकरनेवाले देव है - सोमका
मायभां नियत अर्थना उत्तर देव मेनु नाम निर्देश हे 'व नहीं' सोमनी नाज्ञाभा मद्धेनाश देवे। नीये प्रभा — 'सोमकाइयाइ षा' सोमनी निहाय प्रेमने सोय, એવા ટવાને સામાયિક કહે છે તેમા ઢાકપાત સેામના પરિવારૂપ ાય છે 'सोमदेवकाइया वा' सामोपासना के सामानि हि देवताओ। छे तेभने सोभ રવ છે છે. તે સેામદેવતાએાના પરિવારરૂપ જે દેવો છે તેમને સામદેવતા કાયિક દેવા ४ 'विज्जुकुमारा' विद्युत्कुमार, 'विष्णुकुमारीओ' विद्युत्कुमारीभयो, ' मग्गि कुमारा' अग्निकुमार 'मग्गिकुमारीमो ' अग्निकुमारी 'वायुकुमारा' वासु भार 'वायुकुमारीभो' वासुकुमारी 'चंदा, सूरा' अन्द्र, सूर्य' 'गहा, जयस्वचा' शनि । अश्विनी आहि नक्षत्रो 'साराख्या' तारामेो वथा 'जे पावण्णे' पशु 'पारा' तेमना लेना 'तम्मचिया' सोमनी मम्ति मनाशी