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स्थानाजवी चैव, जाव वेमाणिया ६ । दुविहा गैरइया पण्णत्ता तं जहासइंदिया चेव अणिदिया चेव, जाव वेमाणिया ७ । दुविहा णेरइया पण्णत्ता तं जहा-पजत्तगा एव, अपज्जत्तगा एव, जाव वेमाणिया ८ । दुविहा णेरइया पण्णत्ता तं जहा-सन्नी चेव असन्नी चेव, एवं पंचिंदिया सव्वे विगलिंदियवजा जाव वाणमंतरा ९ । दुविहा जेरइया पण्णत्ता तं जहा-भासगा चेव अभासगा चेव, एवमेगिंदियवज्जा सव्वे जाव वेमाणिया १०॥ दुविहा नेरइया पण्णत्ता तं जहा सम्मदिट्ठिया चेव मिच्छदिट्रिया चेव, एवं एगिदियवज्जा सव्वे जाव वेमाणिया ११ । दुविहा जेरइया पण्णत्ता तं जहा-परित्तसंसारिया चेव अर्णतसंसारिया चेव, जाव वेमाणिया १२ । दुविहा गेरइया पण्णत्ता तं जहा-संखेज्जकालसमयट्टिइया चेव असंखेज्जकालसमयट्टिइया चेव, एवं पंचिंदिया एगिदियविगलिंदियवज्जा जाव वाणमंतरा १३ । दुविहा गेरइया पण्णत्ता तं जहा-सुलभबोहिया चेव, दुलहबोहिया चेव। जाव वेमाणिया १४ । दुविहा णेरइया पण्णत्ता तं जहा-कण्हपक्खिया चेव सुकपक्खिया घेव, जाव वेमाणिया१५ । दुविहा णेरइया पण्णत्ता तं जहा-चरिमा चेव अचरिमा चेव, जाव वेमाणिया १६ ॥ सू० २३ ॥ छाया-द्विविधा नैरयिकाः प्रज्ञप्तास्तद्यथा-भवसिद्धिकाश्चैव अभवसिद्धिकाश्चैव, परम्परोपपन्नकश्चै वयावद्वैमानिकाः १। द्विविधा नैरयिकाः प्रज्ञप्तास्तद्यथा-अनन्तरोपपन्नकाचैव यावद् वैमानिकाः २। द्विविधा नैरयिकाः प्रज्ञप्तास्तथधा-गतिसमापन्नकाधव अगतिसमापन्नकाश्चैव, यावद् वैमानिकाः ३। द्विविधा नैरयिकः प्रज्ञप्तास्तद्यथा