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________________ णमो सिध्दाणं पद : समीक्षात्मक परिशीलन ★ अरिहंत साध्वी डॉ. दिव्यप्रभा जैन पुस्तक मन्दिर, भारती भवन, चौड़ा रास्ता, जयपुर. ई.सं. १९९२ * अरिहंत ने ओळखो मुनिश्री जयानंदविजयजी म. गुरु रामचंद्र प्रकाशन समिति, भीनमाल-३४३०२९ (राज.). अनुप्रेक्षानुं अमृत श्री भद्रंकरविजयजी विमल प्रकाशन, जसवंतलाल गिरधरलाल दोशी, वाडानी पोल, अहमदाबाद-१. अपना दर्पण अपना बिंब युवाचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज.). ई.स. १९९१. अहिंसा : विचार और व्यवहार डॉ. नरेंद्र भानावत सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडल, दुकान नं. १८२ - १८३ के ऊपर, बापू बजार, जयपुर-३. ई.स. १९९३. ★ अर्हम् युवाचार्य महाप्रज्ञ प्रेक्षाध्यान एकेडमी, अनेकान्त भारती, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन मार्ग, अंबाबाड़ी, अहमदाबाद-१५. ई.स. १९९३. ★ अमृताशीती प्रणेता : योगीदुंदेव, सम्पादक : सुदीप जैन दिगबर जैन मुमुक्षु मंडल, उदयपुर, राजस्थान. ई.सं. १९९०. अनंतनो आनंद जैन साध्वी आरतीबाई रति आग्र साहित्य प्रकाशन समिति, ४, जमना सदन, जेठाभाई लेन, घाटकोपर, मुंबई-७७. ई.स. १९९६. 496
SR No.009286
Book TitleNamo Siddhanam Pad Samikshatmak Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmsheelashreeji
PublisherUjjwal Dharm Trust
Publication Year2001
Total Pages561
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size53 MB
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