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दान
मान
छः आगार
राज्याभियोग
गणाभियोग
बलाभियोग
सुराभियोग
वृत्तांता
गुरुनिग्रह
वंदना
सम्यक्त्व की छ: भावनाएं
मूल भावना
द्वार-भावना
प्रतिष्ठा भावना
आधार - भावना
भाजन - भावना
निधि-भावना सम्यक्त्व के स्थान
सम्यक् - दृष्टि : मोक्षानुगामी आयाम
सम्यक्त्व और सम्यक् दर्शन
सास्वादन- सम्यक्-दृष्टि गुणस्थान
मिश्र - गुणस्थान
अविरत - सम्यक दृष्टि गुणस्थान देश विरति गुणस्थान
प्रमत्त-संयत : सर्वविरति गुणस्थान अप्रमत्त- संयत गुणस्थान निवृत्ति-बादर गुणस्थान उपशम श्रेणी तथा क्षपक श्रेणी
अनिवृत्ति-वादर गुणस्थान सूक्ष्म संपराय गुणस्थान उपशांत मोह गुणस्यान
क्षीण-मोह गुणस्थान
सयोग केवली गुणस्थान
३२२
अयोग केवली गुणस्थान
३२२ गुणस्थानों का कालमान
३२२
आत्मा की तीन अवस्थाएं
योगवासिष्ठ में
आध्यात्मिक विकास पर चिंतन
३२०
३२०
३२१
३२१
३२१
३२२
३२२
३२३
३२४
३२४
३२४
चौदह भूमियाँ
सात ज्ञान भूमियों का विस्तार
शुभेच्छा
विचारणा
३२५
३२५
३२५
३२६
३२८
३२९
३३०
३३१
३३२
३३२
३३३
३३४
३३५ | सप्तविध प्रज्ञाएं
३३५ तद्ध धर्म के तीन यान
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तनुमानसा
सत्त्वापत्ति
असंसक्ति
पदार्थभावनी
मूढ़
विक्षिप्त
३४२
तुर्यगा
३४२
पातंजल योग दर्शन चित्त भूमियाँ ३४४
:
क्षिप्त
३४४
एकाग्र
३३६
३३६
३३६
3310
३३७
३३७
३३८
३३८
निरुद्ध
अविद्या और विवेकस्याति
३४०
३४१
३४१
३४१
३४१
३४२
३४२
३४२
३४४
३४४
३४५
३४५
३४७
३४७
३४९