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________________ REMEDIESORIA FORIES HMEDNA ENSION myi N णमो सिद्धाणं पद : समीक्षात्मक परिशीलन eanAVIIMawaanindian HTRANSARAKATRINA AHANIHIROIN SANSAR १३. समवायांग-सूत्र, समवाय-१३ सूत्र-८१, १४. समवायांग-सूत्र, समवाय-१४, सूत्र-१००, १५. समवायांग-सूत्र, समवाय-१५, सूत्र-१०९, १६. समवायांग-सूत्र, समवाय-१६, सूत्र-११५, १७. समवायांग-सूत्र, समवाय-१७, सूत्र-१२४, १८. समवायांग-सूत्र, समवाय-१८, सूत्र-१३२, १९. समवायांग-सूत्र, समवाय-१९, सूत्र-१३९, २०. समवायांग-सूत्र, समवाय-२०, सूत्र-१४३, २१. समवायांग-सूत्र, समवाय-२१, सूत्र-१४९, २२. समवायांग-सूत्र, समवाय-२२, सूत्र-१५४, २३. समवायांग-सूत्र, समवाय-२३ सूत्र-१५९, २४. समवायांग-सूत्र, समवाय-२४, सूत्र-१६५, २५. समवायांग-सूत्र, समवाय-२५, सूत्र-१७३, २६. समवायांग-सूत्र, समवाय-२६, सूत्र-१७७, २७. समवायांग-सूत्र, समवाय-२७, सूत्र-१८२, २८. समवायांग-सूत्र, समवाय-२८, सूत्र-१९०, २९. समवायांग-सूत्र, समवाय-२९, सूत्र-१९५, ३०. समवायांग-सूत्र, समवाय-३०, सूत्र-२०३, ३१. समवायांग-सूत्र, समवाय-३१, सूत्र-२०८, ३२. समवायांग-सूत्र, समवाय-३२, सूत्र-२१४, ३३. समवायांग-सूत्र, समवाय-३३, सूत्र-२१८, यहाँ वही शब्दावली प्रयुक्त है जो एक भव में सिद्ध होने वाले जीवों के वर्णन में हैं। लगानामामmumtuRIES SITERato5000000055लय माSATRAM MAINSTARMER UिRRIORS 169 GLOSE SHR EATRE E H DHARMA HTRANS ore
SR No.009286
Book TitleNamo Siddhanam Pad Samikshatmak Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmsheelashreeji
PublisherUjjwal Dharm Trust
Publication Year2001
Total Pages561
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size53 MB
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