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णमो सिद्धाणं पदा: समीक्षात्मक परिशीलन
COMDISED
सकता है। तीर्थंकर भगवंत के साम्राज्य में भी दया-तंत्र (law of merey) सर्वोपरी है। चाहे जैसा पापी परमात्मा की शरण में आ जाता हैं तथा णमोक्कार मंत्र के स्मरण का सहारा लेकर धर्म-कार्य में संलग्न हो जाता है तो उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
एसो पंच णमोक्कारो ,सब्वपावप्पणासणो'- पंच परमेष्ठी भगवंत को नमस्कार करने से सब पाप नष्ट हो जाते हैं। परमात्मा की शरण में आने वाली आत्मा के सब पाप, दुःख, भय, शोक, चिंता समाप्त हो जाते हैं। कर्म-सत्ता के पंजे से छूटने के लिए धर्मसत्ता की शरण लेनी ही पड़ती है। पंचपरमेष्ठी धर्म का भंडार है। उनकी शरणागति ही कर्मसत्ता के पंजे में से छूटने का उपाय है।
णमोक्कार मंत्र के स्मरण से पाप का विनाश और पुण्य का उत्कर्ष होता है। णमोक्कार मंत्र की आराधना से सभी सुविधाओं का सर्जन होता है। दुःख-दुर्भाग्य का विच्छेद होता है। णमोक्कार मंत्र द्वारा परममंगलमय मोक्ष का ‘मंगल-गीत' आत्मा में गुंजित होता है।
जगत् का सर्वोकृष्ट राजकीय दृष्टि बिंदु (political view point) का विज्ञान णमो अरिहंताणं में है। जिससे विश्व के सभी जीवों के साथ समत्वयोग (communion with cosmos) सध सकता हैं। जगत् के सभी जीवों के साथ विशुद्ध व्यवहार णमोक्कार के भाव में से प्रगट हैं।
'सवि जीव करूं शासन-रसी' की भावना रूप एक महाशक्ति (Supreme Intelligence) समग्र विश्व को संचालित कर रही है। श्री तीर्थंकर-भगवंत के शासन के अचिंत्य प्रभाव से विश्व में जघन्यकम से कम सात दिन के बाद एक जीव सम्यक्त्व को, दस दिन के बाद एक जीव देशविरति को, पंद्रह दिन के बाद एक जीव सर्वविरति को प्राप्त करता है और छ: महिने के बाद एक जीव मोक्ष में जाता है। समग्र विश्व का इस प्रकार मोक्ष की ओर प्रयाण तीर्थकर भगवंतों के अचिंत्य प्रभाव से है।
णमोक्कार मंत्र वस्तुत: समस्त विश्व का सर्वोत्तम कल्याणकारी तत्त्व है। इसमें राजनैतिक दृष्टि-बिन्दु का सर्वोत्कृष्ट विज्ञान (Supreme politics) है।' अर्थशास्त्र के सिद्धान्तानुसार णमोक्कार की सर्वाधिक महत्ता
विभिन्न तात्त्विक चिन्तनमूलक पक्षों को लेकर णमोक्कार मंत्र का समीक्षात्मक विश्लेषण पहले किया गया है। आधुनिक लोकजनीन सिद्धांतों की अपेक्षा से भी यहाँ कुछ विचार किया जा रहा है, जिससे इस महामंत्र की महनीयता का बोध प्राप्त किया जा सके।
सबसे पहले अर्थशास्त्र की दष्टि से यहाँ चिंतन किया जा रहा है। अर्थशास्त्र का यह सिद्धांत है - 'Minimum effort and maximum result.'
१. जीवन की सर्वश्रेष्ठ कला श्री नवकार, पृष्ठ : ८-१२,
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