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प्रभु तू ही मेरा, तू ही मुझ में, तू ही सबकुछ है
तू ही मेरा सकुन और तू ही शरणा भी है तू ही मेरा प्रेम और तू ही साथी भी है। कहीं भी चैन नहीं, तू ही तो चैन भी है
प्रभु तू ही मेरा, तू ही मुझ में, तू ही सबकुछ है तू ही मेरा राग और तू ही कमजोरी भी है। तू ही मेरा चिंतन और तू ही ध्यान भी है रोना भी और हंसाना भी तेरे ही सामने है
प्रभु तू ही मेरा, तू ही मुझ में, तू ही सबकुछ है तू ही मेरा ज्ञान और तू ही दर्शन भी है तू ही मेरी प्रार्थना और तू ही पूजा भी है कहीं भी स्थिर नहीं, तू ही धाम भी है
प्रभु
प्रभु तू ही मेरा, तू ही मुझ में, तू ही सबकुछ है तू ही मेरा स्वरूप और ढूंढना भी तुझ में ही है तू ही मेरी पुकार और आवाज भी तू ही है कहीं देखना ही नहीं, तू ही मेरा द्रश्य भी है
प्रभु तू ही मेरा, तू ही मुझ में, तू ही सबकुछ है
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