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जिनवाणी माँ
जिनवाणी माँ तूने ही मुझको मेरा सत है बताया मुझको ही मेरे ज्ञानानंद सत से है मिलवाया जिनवाणी माँ तूने ही मुझको मेरा सत है बताया
मैं हूं इस सारे संसार से अलग यहा न्याय से, धीरज से, प्यार से तूने ही है बताई जिनवाणी माँ तूने ही मुझको मेरा सत है बताया
मैं नहीं इस संसार, देश, समाज, घरबार में और नहीं इस शरीर, मान्यतायें, राग-द्वेष-मोह में जिनवाणी माँ तूने ही मुझको मेरा सत है बताया
सारे संबंधों से मुक्त ही मेरे स्वतंत्र चैतन्य निज वैभव से ही वैभवशाली स्वरूप है बतलाया जिनवाणी माँ तूने ही मुझको मेरा सत है बताया
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