________________
श्री जित-हीर बुद्धि-तिलक शांतिचन्द्रसूरिजी समुदायवर्ती,
सम्यग्ज्ञानपिपासु स्व.परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजयरत्नशेखरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न
___ मरुधररत्न परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजयरत्नाकरसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न उपाध्याय श्री रत्नत्रयविजयजी गणिवर की पावन प्रेरणा से श्री रंजनविजयजी जैन पुस्तकालय, मालवाडा,
जिला-जालोर-३४३०३९ (राजस्थान) आपकी श्रुतभक्ति की हार्दिक अनुमोदना