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________________ प्रकाशकीय अवचूरि सहित भवभावनाप्रकरण श्री संघ के करकमल में समर्पित करते हुए हमें आनन्द की अनुभूति हो रही है। श्रुतभवन संशोधन केन्द्र के सन्निष्ठ समर्पित सहकारिगण की कडी महेनत और लगन से यह दुर्गम कार्य सम्पन्न हुआ है। इस अवसर पर श्रुतभवन संशोधन केन्द्र के संशोधन प्रकल्प हेतु गुप्तदान करने वाले दाता एवं श्रुतभवन संशोधन केन्द्र के साथ प्रत्यक्षअप्रत्यक्ष रूप से जुडे हुए सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनन्दन करते हैं। इस ग्रन्थ के प्रकाशन का अलभ्यलाभ श्री रंजनविजयजी जैन पुस्तकालय, मालवाडा, राज. ने प्राप्त किया है। आपकी अनुमोदनीय श्रुतभक्ति के लिये हम आपके आभारी है। श्रुतभवन संचालन समिति (शुभाभिलाषा ट्रस्ट) ने प्राचीन शास्त्रों के शुद्ध संपादन को प्रकाशित करने का उत्तरदायित्व हमें देकर हमारा गौरव बढाया अतः हम उनके हमेशा ऋणी रहेंगे। श्रुतभवन संशोधन केन्द्र, पुणे की समस्त गतिविधियों के मुख्य आधारस्तंभ मांगरोळ (गुजरात) निवासी श्री चंद्रकलाबेन सुंदरलाल शेठ परिवार एवं भाईश्री (ईन्टरनेशनल जैन फाऊन्डेशन, मुंबई) परिवार के हम सदैव ऋणी है। - भरत शाह मानद अध्यक्ष
SR No.009259
Book TitleBhavbhavna Prakaranam
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorVairagyarativijay
PublisherShrutbhuvan Sansodhan Kendra
Publication Year2014
Total Pages248
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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