________________ प्रत्येक जीवात्मा शक्तिरूप से समान है, इस प्रकृति में सभी का सहयोग, सभी जीव जीना चाहते हैं और मरने से डरते हैं। मैं मानता हूँ तुम समझदार हो, पटाखे फ़ोडकर भगवान को नाराज नहीं करोगे। प्रातःकाल महावीर स्वामी मोक्ष गये शिष्य गौतम गणधर ने प्रभुवाणी पर विचार किया शुभकामनाओं से नहीं शुभ शुद्ध पुण्य कार्य करने से जीवन मंगलमय कल्याणमय बनता है तब प्रभु आज्ञापालन में ऐसे दत्तचित्त हुए कि सायंकाल केवलज्ञान ज्योति प्रगट हुई प्रकाशित हुआ जग मग सर्वत्र हर्षित देव मनुष्यों ने सर्वज्ञ द्वय प्रभु की केवलज्ञान ज्योति के उपकारों के प्रति श्रद्धा भक्ति समर्पण में दीप मालिका प्रकाशित कर बताया जगत को ऐसा ज्ञान प्रकाश प्रगट करो जो मिटाये सभी के अज्ञान अन्धकार जो बताये सत्य अहिंसा से सुखी बने सारा संसार 34