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श्री महावीर स्वामी भगवान की आरती (1)
___ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर प्रभु कुंडलपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभो ....ॐ जय महा.....॥ सिद्धारथ घर जन्में, वैभव था भारी, स्वामी वैभव था भारी। बाल ब्रह्मचारी व्रत, पाल्यो तपधारी॥ ....ॐ जय महा....॥
आतम ज्ञान विरागी, समदृष्टि धारी। माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति धारी॥ ....ॐ जय महा.....॥
जग में पाठ अहिंसा, आप ही विस्तारयो। हिंसा पाप मिटा कार, सुधर्म परिचारयो॥ ....ॐ जय महा....॥
यही विधि चाँदनपुर में, अतिशय दर्शायो। ग्वाल मनोरथ पूरयो, दूध गाय पायो॥ ....ॐ जय महा....॥
प्राणदान मंत्री को, तुमने प्रभु दीना। मंदिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना॥ ....ॐ जय महा....॥
जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी। एक ग्राम तिन दीनों, सेवा हित यह भी। ....ॐ जय महा....॥
जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर जावे। धन, सुत सब कुछ पावै, संकट मिट जावै।। ....ॐ जय महा....॥
निश दिन प्रभु मंदिर में, जगमग ज्योति जरे। हरि प्रसाद चरणों में, आनंद मोद भरे। ....ॐ जय महा....॥
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