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हो प्रगति क्षेत्र की दिनदूनी, सबने मिलकर संकल्प किया।।6।। ऊँ ह्रीं भव्योदय अतिशयक्षेत्र-स्थित श्री आदिनाथजिनेन्द्राय पूर्णायँ निर्वपामीति स्वाहा।
दोहा
करें वंदना क्षेत्र की मन-वचन काय सम्भाल। सकल आपदा नष्ट हो, रहें सदा खुशहाल।।
॥ इत्याशीर्वादः पुष्पांजलि क्षिपामि ।
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