SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 38
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३७ विन्दो शब्दकोष १८४ामल तिक्त कषाय कटु, छार मधुर बस जान । पट"प्रीषस पावस सरद हिम, सिसिर वसंत बखान १०६ ५८६ उद्वर्तन मंजन कुसुम, चंदवलेपशगर । अलकावलि ममिविदु तह, कजल कंचुकी चीर १०७ कंकुम खोरि तँबोलमुम्ब, चंदनजावक लज्ज । दसनसुरंगित चातुरी, ए षोडम तियसज्ज ॥१०८।। १८७कंकन किंकिनि कंठमनि, कंडल वेसरि आढ । नूपुर हार स-मुद्रिका, विच्छिक जेहरि टाड ।।१०९।। १८८मीनकेतु मनसिज मदन, मार काम मनमत्थ । संवरहरन अनंग गति, रमन पंचसम्हत्थ ॥११०॥ १८९वसीकरन मोहन तपन, उच्चाटन उन्माद । १२°तंती दुंदुभि संखधुनि, कंस ताल करवाद ॥१११।। १८४ षटस नाम १८५छहऋतुनाम १८६सोलह शृंगार नाम १८७ द्वादश श्राभरणनाम १८८ कामनाम १८९कामपंचवाणनाम १६० पंचशब्दनाम ।
SR No.009237
Book TitleBanarsi Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir
Publication Year1941
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy