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________________ ३६ बनारसीन्नाममाता १७३कबरी चूडा धमिल सिख, बैनी कचसमुदाय ॥१०॥ १७ सदन गेह पालय निलय, मंदिर भवन प्रवास । साल सग्न आगार गृह, धाम निकेत निवास ॥१०१ १७५सौध राजगृह धवलगृह, १७ नगर पटन पुर ग्राम । नेय खात परिखा गरत, १७ पकानन पाराम ।१०२ १७'सुरमंडप देवायतन, चैत्यालय प्रासाद । १८°तांडव नाटक नृत्य तह, १८ गीत गान सुर नाद १०३ १८२षडज ऋषभ गंधार पुनि, पंचम मध्यम जान । धैवत रूप निषाद तह, ए सुर सात वखानि ॥१०४।। १८ करुना कौतुक भयकरन, वीर हास सिंगार | सांत रुद्र बीभत्स तह, ए नवरस संसार ॥१०५।। १७३ चोटीनाम १७४ घानाम १७५ राजगृहनाम १७६ नगरनाम १७७ खाईनाम १७८ वागनाम १७६ मंदिरनाम १८० नृत्यनाम १८१ गीतनाम १८२ सप्तस्वरनाम १८३ नवरसनाम ।
SR No.009237
Book TitleBanarsi Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir
Publication Year1941
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size2 MB
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