SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 39
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३८ बनारसी नाममाला ११ कौतूहल कौतुक अहो, अदभुत चित्र अचंभ | १२ माया कैतव छदम छल, व्याज कपट मिष दंभ ११२ १२- हरष तोष आनंद मुद, ९४ मग्य कोप सरोस । १९७ 'कृपा सुहित करुना दया, अनुकंपा अनुकांस ॥। ११३ ।। १६ प्रेम प्रीति अभिलाष सुख, राग नेह संजोग । १२.७ विछुग्न फुलक विरह दुख, मनमथविधा वियोग ।। १५४ १९८याग विहाइत दान दत, १९९ समता हित सुख सात । •गुन थुति कीर्ति उदाहरन, जस सलांक अवदात ॥ ११५ २०१ प्रकट साधु सुविदित विसद, २२ निरुपम अकथ अनूप २० मंद बिलंबित सिथिल तह, २० छाँह बिंब प्रतिरूप ११६ २०० १६१ कौतुकनाम १६२ कपटनाम १६३ श्रानंदनाम १६४ कोपनाम १६५ दयानाम १६६ प्रीतिनाम १६ ७ विरहनाम १६८ दाननाम १६६ सुखनाम २०० कीर्तिनाम २०१ प्रकनाम २०२ अनुपमनाम २०३ विलम्बनाम २०४ छायानाम
SR No.009237
Book TitleBanarsi Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir
Publication Year1941
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy