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बनारसी नाममाला
११ कौतूहल कौतुक अहो, अदभुत चित्र अचंभ | १२ माया कैतव छदम छल, व्याज कपट मिष दंभ ११२ १२- हरष तोष आनंद मुद, ९४ मग्य कोप सरोस ।
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'कृपा सुहित करुना दया, अनुकंपा अनुकांस ॥। ११३ ।। १६ प्रेम प्रीति अभिलाष सुख, राग नेह संजोग । १२.७ विछुग्न फुलक विरह दुख, मनमथविधा वियोग ।। १५४ १९८याग विहाइत दान दत, १९९ समता हित सुख सात । •गुन थुति कीर्ति उदाहरन, जस सलांक अवदात ॥ ११५ २०१ प्रकट साधु सुविदित विसद, २२ निरुपम अकथ अनूप २० मंद बिलंबित सिथिल तह, २० छाँह बिंब प्रतिरूप ११६
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१६१ कौतुकनाम १६२ कपटनाम १६३ श्रानंदनाम १६४ कोपनाम १६५ दयानाम १६६ प्रीतिनाम १६ ७ विरहनाम १६८ दाननाम १६६ सुखनाम २०० कीर्तिनाम २०१ प्रकनाम २०२ अनुपमनाम २०३ विलम्बनाम २०४ छायानाम