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अनेकान्त-रस-लहरी
स्वतंत्र रूप से विना किसी अपेक्षा अपनाया जाय तो इसमें क्या कोई दोष आता है ? स्पष्ट करके बतलाओ ? 'ही' और 'भी' के प्रयोगों में क्या अन्तर है ? उदाहरण सहित प्रकट करो ?
६ अपेक्षाको साथमें लिये हुए 'ही' का प्रयोग क्या सदोष और विना अपेक्षाके 'भी' का प्रयोग क्या निर्दोष है ? स्पष्ट करो ? १० किसी वाक्यके साथ में 'स्यात् ' 'कथचित्' और 'सर्वथा ' जैसे शब्द का प्रयोग होनेसे क्या बोध होता है ? ११ स्याद्वादी जिनदासजीने मोहन लड़के को देखकर और उसके विषय में कुछ पूछ-ताछ करके जो किसी अपेक्षादिका व्यक्तिकरण किये विना ही यह कहा था कि 'यह तो छोटा है' यह कहना उनका क्या सदोष है अथवा निर्दोष है ? और कैसे ? १२ ' स्यात्' जैसे पदके प्रयोगको साथमें न लेते हुए भी क्या कोई कथन 'स्यात्' पदसे अनुशासित हो सकता है ? उदाहरण देकर तथा समझाकर बतलाओ ?
१३ 'मुख्य' और 'गौख' किसे कहते हैं ? और इनको व्यवस्थासे वचन-व्यवहारकी व्यवस्था ठीक कैसे बनती है ?
१४ लाइनोंको छोड़कर दूसरी वस्तुओंके द्वारा छोटे-बड़े के तत्त्वको समझाओ ?
(क) दो गिलास जिनके मुँह चार चार इंचीके और पेंदी दो दो इंचीकी हैं क्या परस्पर में छोटे-बड़े हो सकते हैं ? कैसे ? (ख) चचासे भतीजा क्या बड़ा हो सकता है ? हो तो कैसे ? (ग) अस्सी वर्षका बूढ़ा एक तीस वर्षके नौजवान से किस तरह छोटा हो सकता है ?
तृतीय पाठकी प्रश्नावली
१ यदि 'बड़ा दानी' उसे कहा जाय 'जो लाखों रुपयोंका दान