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________________ बड़ा दानी कौन ? दान देनेवाला पिछले दो दानियों-मांसदानी और हथियार दानीसे बड़ा जरूर है, परन्तु वह बंगालके घोर अकालसे पीड़ित प्राणियोंकी रक्षार्थ अन्नका दान करने वालेसे बड़ा नहीं है । क्योंकि अन्यके राष्ट्रपर आक्रमण करनेके लिये उद्यत सैनिक दूसरोंको घायल करने और स्वयं घायल होनेकी जिम्मेदारोको खुद अपने सिर पर उठाते हैं, अपराध करते हुए घायल होते हैं और अच्छे होनेपर आगे भी अपराध करनेकी-अनेक निरपराध प्राणियों तकका घात करनेकी इच्छा रखते है, इस लिये वे उतने दयाके पात्र नहीं जितने कि बंगालके उक्त अकाल-पीड़ित दयाके पात्र हैं, जिनका अकालके बुलानेमें कोई हाथ नहीं, कोई अपराध नहीं और जिन पर अकाल लादा गया है अथवा किसी जिम्मेदार बड़े अधिकारीकी भारी लापर्वाही और गफलतसे लद गया है। ऐसी स्थितिमें मुझे तो बंगालके अकाल पीड़ितोंको दो लाख रुपयेका अन्न दान करनेवाला ही चारोंमें बड़ा दानी मालूम होता है। ___अध्यापक-जिस दृष्टिको लेकर तुमने उक्त अन्नदानीको बड़ा दानी बतलाया है वह एक प्रकारसे ठीक है; परन्तु इस विषय में कई विकल्प उत्पन्न होते अथवा सवाल पैदा होते हैं, उनमेंसे यहाँ पर दो विकल्पोंको ही रक्खा जाता है, जिनमेंसे पहला विकल्प अथवा सवाल इस प्रकार है 'मानलो, बंगालके अकाल-पीड़ितोंके लिये दो दो लाख रुपयेका अन्न दान करने वाले चार सेठ है, जिनमेंसे १) एकने स्वेच्छासे दान नहीं दिया, वह दान देना ही नहीं चाहता था, उस पर किसी उच्च अधिकारीने भारी दबाव डाला और यह धमकी दी कि 'यदि तुम दो लाख रुपयेका अन्न दानमें नहीं दोगे
SR No.009236
Book TitleAnekant Ras Lahari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir
Publication Year1950
Total Pages49
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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