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४७. मेरा जीवन धन्य है! हे मेरे प्रभो! हे मेरे विभो! अनन्त की आराधना कर आज जीवन धन्य हैमनुष्य-जन्म को प्राप्त कर आज जीवन धन्य हैसन्तोष सुख, अपरिग्रह, अक्रोध की प्राप्ति कर मेरा जीवन धन्य हैशान्ति और आनन्द की प्राप्ति कर आज जीवन धन्य हैआनन्द की अठखेलियाँ करता आज जीवन धन्य हैहे भगवन्तू मेरे जीवन को तेरी आराधना में लगा कर अमर कर देमैं तेरे मनभावन मार्ग पर कब का तैयार खड़ा हूँमेरे प्रभो! मेरे विभो!