________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
क्षायिकभावे आत्ममां, क्षायिक लब्धि धारी; मुनिसुव्रतने वंदतां, रहे न जडनी यारी. मुनिसुव्रतपणुं आत्ममां ए, जाणी पामो भव्य; मुनिसुव्रत जिन उपदिशे, ए, निज कर्तव्य.
श्री नमिनाथ भगवान, चैत्यवंदन आतममां प्रणमी प्रभु, थया नमि जिनराज; नमवू उपशम क्षायिके, क्षयोपशमे सुखकाज.......... नम्या न जे ते भव भम्या, नमी लह्या गुणवृंद; नमि प्रभु भाखियुं, सेवा छे सुख कंद........ आतममां प्रणमी रही ए, स्वयं नमी घट जोवे; ध्यानसमाधि योगथी, आत्मशक्ति नहीं खोवे.
श्री नेमिनाथ भगवाननु चैत्यवंदन बावीसमा श्री नेमिनाथ, घोर ब्रह्मव्रत धारी; शक्ति अनंती जेहनी, त्रण भुवन सुखकारी. इन्द्र चन्द्र नागेन्द्रने, वासुदेवो सर्वे; चक्रवर्तीयोने नमीने, सेवे रही अगवे. कृष्णादिक भक्तो घणा ए, जेनी सेवा सारे; एवा परमेश्वर विभु, सेवंतां सुख भारे.....
४३
For Private And Personal Use Only