________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जैन दशामां कर्मने, करो स्वाधिकारे, अर जिनवर एम भाखता, शक्ति प्रगटे छे त्यारे.
मल्लिनाथ स्तुति मल्लिनाथ घट जेहना, सर्व मल्लने जीते, आतममल्ल जे जाणतो, शुद्धधर्म प्रतीते; हारे न जगमां कोईथी, कोई तेने न मारे मोहशत्रुने मारतो, तेने देव छे व्हारे.
श्री मल्लिनाथ भगवाननी थोय मल्लिजिन नमीये, पूरवलां पाप गमीये, इंद्रिय गण दमीये, आण जिननी न क्रमीये; भवमा नवि भमीये, सर्व परभाव वमीये, निज गुणमां रमीये, कर्म मल सर्व धमीये
श्री मुनिसुव्रत भगवाननी थोय मुनिसुव्रत नामे, जे भवि चित्त कामे, सवि संपत्ति पामे, स्वर्गनां सुख जामे; दुर्गति दुःख वामे, नवि पडे मोह भामे, सवि कर्म विरामे, जई वसे सिद्धि धामे.
२१५
For Private And Personal Use Only