________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जान लईने आव्या त्यारे, हर्ष तणो नही पार, पशुतणो पोकार सुणीने, पाछा वळ्या तत्काल... .........२ राजुल गोखे राह नीरखती, रडती आंसुधार; पियुजी मारा केम रिसायां, मुज हैयानां हार........ अरज...३ मन तलसतु तन तलसतु, तल से राजुलनार, राजवैभवने ठोकर मारी, लीधो संयमभार............ अरज...४ नेम बन्या तीर्थंकर स्वामि बावीशमां जिनराज; माया छोडी मनडुं साध्यु, नमो नमो शिरताज....... अरज...५ नेमि निरंजन नाथ हमारो, अम नयनोनां तारा; बाळक तुम भक्तिने माटे, रडतो आंसुधार............ अरज...६ परदुःखभंजन नाथ निरंजन, जगपालक कीरतार; ज्ञानविमल कहे भवसिन्धुथी, मुजने पार उतार..... अरज...७
श्री नेमिनाथ स्तवन प्यारा नेम प्रभु मुज मन मन्दिरिये पधारजोरे; कर्माष्टक क्रोधादिक शत्रु, ध्यानथी दूर निवारजोरे. प्यारा० १ जन्म मरणना फेरा, टाळी, पाम्या मुक्ति स्त्री लटकाळी; व्हाला दीनदयाळु सेवकने संभाळजोरे................ प्यारा० २
१३५
For Private And Personal Use Only