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शत-८ : देश-३२
| उ४५ ।
एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा।
___ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होज्जा; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा।
अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ॥ ___अहवा एगे सक्करप्पभाए एगेवालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा । एवं जहा रयणप्पभाए उवरिमाओ पुढवीओ चारियाओतहा सक्करप्पभाए वि उवरिमाओ चारियव्वाओ; जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ॥
अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगेतमाए होज्जा; अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे वालूयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ॥
अहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । भावार्थ:- [यतुःसंयोगी मग-3५] (१) मे २त्नप्रभामां, में श६ प्रमामा, में वायुप्रभामां अने प्रमामा (१-२-3-४) उत्पन्न थाय छे. (२) मे रत्नप्रभामां, शराप्रमामा, मेवाजाप्रमाभांसने से धूमप्रमाभां, (१-२-3-५), (3) मे रत्नप्रभामां, शराप्रमामi, वायुप्रभामांसने तम:प्रभामा (१-२-3-5) (४) रत्नप्रमामा, मेशराप्रमामा, मेवाप्रमामा, मेघःसप्तम पृथ्वीमां, (१-२-3-७) (५) मे रत्नप्रभामां, मेड ईराप्रमामा, प्रभामां में धूमप्रमामा (१-२-४-५)