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"कल्पसूत्रम्" नामक महान् धार्मिक ग्रन्थ के रचयिता थे स्वनामधन्य श्रुतकेवली श्री भद्बाहु स्वामी गणधरवाद उसी महानग्रन्थका एक अंश है.
अपापापुरी के महान सेन नामक उपवनमें प्रभु महावीरके लिए देवोंने समवसरण की रचना की थी. वहीं उस समय के इन्द्रभूति आदि दिग्गज विद्वानोंने प्रभुके साथ संवाद किया था. उसी संवाद की यह विस्तृत रिपोर्ट है- गणधरवाद.
आचार्यश्री पद्मसागर सूरिश्वरजी म.सा. ने उसी प्रसंगको लेकर यह जो रोचक प्रवचन किये थे, उनका यह संकलन है. जैन साधुओं और खास करके जैनाचार्यों की भाषा काफी संयत होती है, इसलिए प्रमादवश यदि कहीं असंयत भाषाका प्रयोग हो गया हो तो उसे मेरी त्रुटि समझें, प्रवचनकार की नहीं.
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- परमार्थाचार्य