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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १ प्रकाश लेकर आओगे। ___ एक विद्वान् एक संत के पास गया । विद्वान् के मन में अहम् था । वह सोचता था कि मैं सब कुछ जानता हूँ । वह संत से कहने लगा कि मैं (M. A. B. ED.) हूँ । मैंने (PhD.) की है । मैं आत्मा के बारे में कुछ जानना चाहता हूँ । जब तक मन में अहम् बैठा हो तब तक जानकारी कैसे प्राप्त होगी ? संत ने विद्वान् को कप और रकाबी दी और कॉफी बनाकर लाया । कॉफी को वह कप में डालता गया । कप भर गया .... रकाबी भी भर गई, फिर भी वह कॉफी डालता ही रहा । यहाँ तक कि कॉफी उभर कर नीचे गिरने लगी । विद्वान् के शर्ट और.....पायजामें पर भी कॉफी गिर गयी । इसपर विद्वान ने संत से कहा कि-"यह आप क्या कर रहे हैं ? मेरे कपड़े सब खराब हो गए ।” संत ने विद्वान् से कहा- “यह आपके सवाल का जवाब है । तब उसने संत से कहा - " आपकी बात मैं समझ नहीं पाया, आप ही कुछ बताइए । संत ने कहा- भरे हुए कप में कॉफी डालने से कुछ फायदा नहीं । जैसे भरे कप । ६२ For Private And Personal Use Only
SR No.008736
Book TitleSamvada Ki Khoj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year1990
Total Pages139
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size6 MB
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