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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ४४. अहं का अंधकार दुर्विचारों का संगठन बहुत खतरनाक होता है । यह व्यक्ति को परमात्मा तक पहुँचने नहीं देता । असत्य के माध्यम से मिला हुआ सुख क्षणमात्र आनंद देता है लेकिन उसका भविष्य कितना दुःखमय होता है, क्या इसका कभी विचार किया है ? Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जो व्यक्ति परिणाम को देखकर अपना कार्य नहीं करता उसका भविष्य कष्टमय बन जाता है । क्षणिक सुख के लिए वह व्यक्ति अपने अनंत भव बिगाड लेता है । अगर आपको आत्मा से परिचय प्राप्त करना है तो आप को अपना आचरण आत्मा के अनुकूल बनाना पड़ेगा । जीवन में यदि सत्य और सदाचार की प्रतिष्ठा नहीं होगी तो जीवन दुर्गन्धमय बन बन जाएगा जाएगा । उसकी पवित्रता नष्ट हो जायेगी । इसलिए ज्ञनियों ने कहा है कि अगर आपको जीवन में कुछ पाना है तो आप असत्य की भूमिका छोड़ दें और अपने जीवन को सद्गुणों से सुगंधमय बनावें । 'मैं सब जानता हूँ ' यह मन का दंभ है । मन के इस अहम् को छोड़ दो । परमात्मा के द्वार पर मूर्ख बनकर जाओगे तो विद्वान् बन कर लौटोगे, जीवन में कुछ ६१ For Private And Personal Use Only
SR No.008736
Book TitleSamvada Ki Khoj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year1990
Total Pages139
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size6 MB
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