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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir में कॉफी डालने से उभर गयी और कपड़े खराब हो गये, वैसे ही जहाँ तक दिल और । दिमाग का कप खाली नहीं होगा, तब तक मेरा कहना उभार जैसा होगा । आप खाली होकर आएँ तो ही मैं आपको कुछ समझा सकूँगा।” ___ आदमी जब जगतके ज्ञान से शून्य बनता है, तभी वह स्वयं का परिचय प्राप्त कर सकता है । ___ जब परमात्मा की शरण में जाओगे, जब परमात्मा को समर्पित हो जाओगे, तब ही आपका जीवन, सत्य के प्रकाश से उज्जवल बनेगा। सत्य और सदाचार से युक्त जीवन प्रस्थापित करने के लिए साहस अपेक्षित है, क्योंकि साहस के बिना साधना नहीं होगी । जहाँ साधना नहीं, वहाँ सिद्धि भी नहीं होगी । आपको जानकारी कितनी है, इस से कोई मतलब नहीं । आप क्या जानते हैं, इसका भी नहीं बल्कि आप क्या करते हैं, उसका अधिक महत्त्व है । आप के जीवन में (Practical) कितना है, वही देखा जाता है । - जन्म से मृत्यु की उत्पत्ति होती है । हमारा सारा जीवन मृत्यु से घिरा हुआ रहता है । उसमें असत् वस्तु का ग्रहण मृत्यु की । ६३ For Private And Personal Use Only
SR No.008736
Book TitleSamvada Ki Khoj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year1990
Total Pages139
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size6 MB
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