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“मैं मनुष्य बनना चाहता हूँ और मनुष्यता क्या चीज हैं ? उसे समझने के लिए विद्यालय में पढनें आता हूँ ।"
कहने की आवश्यकता नहीं कि अन्तिम उत्तर को सर्व श्रेष्ठ माना गया और जिसने वह उत्तर दिया था, उसे पुरस्कार भी दिया गया ।
“विद्ययाऽमृतमश्नुते ।। "
( विद्या से अमृत का भोग किया जाता है ।)
वह अमृत मानवता ही है !
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