SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 28
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir की रजतजयन्ती के अवसर पर भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति माननीय श्री संजीव रेड्डी ने बम्बई के राजभवन के विशाल 'दरबार हॉल' में आपका शाही अभिनन्दन किया था.उल्लेखनीय है कि स्वयं राष्ट्रपति महोदय ने सेठ कस्तुरभाई लालभाई से मिलकर इस विराट समारोह के लिए जैन साधुओं की आचार-मर्यादाओं के अनुरूप समग्र व्यवस्था करवाई थी.वाकई आचार्यश्री का बहुमान आपकी महानता और जिनशासन की साधुता का बहुमान था. दक्षिण की यात्रा पर __ आचार्यश्री की दक्षिण भारत की यात्रा ने तो सचमुच ही आपको राष्ट्रसंत बना दिया. दक्षिण की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान आपने लोक - कल्याण, धर्म - जागरण और स्थानीय जनता की आध्यात्मिक चेतना के विकास व पोषण के लिए अभूतपूर्व कार्य किये. दक्षिण भारत ने अनेक महान साधुओं का पावन सान्निध्य पाया है. आगे भी उसे अनेक विरल प्रतिभाओं का संयोग मिलेगा, परन्तु पद्मसागरसरिजी और उनके कार्य अपने आप में विशिष्टताओं से भरे हैं. आचार्य पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज के आगमन ने दक्षिण भारत को नई दिशा दी. उसे परम आलोक की अनुभूति करायी. दक्षिण भारत का आपका प्रवास जैन संघ की चेतना में प्राणों का संचार करता ऐतिहासिक - . For Private And Personal Use Only
SR No.008728
Book TitlePadmasagarsuriji Ek Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimalsagar
PublisherAshtmangal Foundation
Publication Year1991
Total Pages42
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy