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साष बरस के बाद पूत्र का बन्धन । सारा जीवन ही बंधन से भरा हुआ है।
हमें जब इस्पताल में दाखिल किया जाता है तब वहाँ भी बन्धन होता है । आरोग्य के लिए डॉक्टर जो भी कहते, बिना तक्रार हम मान लेते हैं। ____ आहार के परमाणु विचार को दूषित करते है। तीन इंच की जीभ लेकिन पांच फूट शरीर पर अपना नियंत्रण चलाती है । जोभ तो दलाल है । दलाल को तो दलाली से मतलब । शेठ दिवाली मनावे या दिवाला निकाले-दलाल के घर तो हमेशा दिवाली ही होती है।
शेठ आत्माराम की पेढी है । जीभ इस पेढ़ी का दलाल है। दलाल को तो कमिशन से मतलब । टेस्ट लिया माल अंदर गायब ।
आहार शुद्धि आत्म-साधना के लिए प्राण तत्त्व है ।
संसार के सब बन्धन आप स्वीकारते हो । दो रुपया पगार का सिपाई आप को हाथ करता हैं तो आप को उस बन्धन का स्वीकार करना पडता है। लेकिन परमात्मा की प्राप्ति के लिए आप को कोई भी बन्धन नहीं चाहिजे ।
परमात्मा के प्रति प्रेमभाव बन्धन से भार मुक्त बनाता है। यम, नियम से जीवन सुंदर बनाता है । आत्म-शिल्प को सुंदर बनाता है। हमारे शब्द में उदारता है, लेकिन आचार में उदारता
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