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थे। एक गुलाब से माली ने प्रश्न किया : “क्या आप कृपया मुझे अपने हँसनेका कारण बतानेका कष्ट करेंगे ?"
गुलाब : "अवश्य ; परन्तु इससे पहले कि हम आपके प्रश्नका उत्तर दें, आपको हमारे एक प्रश्नका उत्तर देना होगा।"
माली : "अच्छी बात है । पूछिये ।"
गुलाब : "आप इस फुलवारीमें आकर फूल ही क्यों चुनते हैं ? काँटे क्यों नहीं चुनते ?"
माली : “इसलिए कि जिसके लिए ये फूल चुने जाते हैं, वह मनुष्य केवल फूलोंसे प्यार करता है, काँटोंसे नहीं।" __गुलाब : “यदि यह सच है तो फिर मनुष्य दूसरे मनुष्यों के जीवनसे काँटे (दोष) ही क्यों चुनता है ? फूल (गुण) क्यों नहीं ?"
माली इस प्रश्न से निरूत्तर हो गया और तभी उसे उन गुलाबी चेहरों के हँसनेका कारण भी समझ में आ गया। वे मनुष्य के स्वभावकी हँसी उड़ा रहे थे । ___मैं आशा करता हूँ कि मनुष्य दोषदर्शनका अपना स्वभाव बदलेगा, गुणग्राहकता को अपनायेगा और गुलाब के फूलों की तरह सर्वत्र अपने सद्गुणों की सुगन्धको फैलाता रहेगा, जिससे भौंरों की तरह मित्र उसकी ओर आकर्षित हों । ★
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