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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आचार्य श्री पद्मसागरसूरि २३ * नानी उंमरमां ज अथक परिश्रम अने सतत अभ्यासथी जेमणे पोतानी वाणी उपर आवां संयम अने सिद्धि मेलव्या छे, जीवनमां सरलता, नम्रता, प्रसन्नता जेवा अनेक गुणो केलव्या छे, विद्वत्ता प्राप्त करी छे एवा प. पू. पंन्यासजी महाराजश्रीने जे आचार्यपद एनायत करवामां आवी रडुं छे, ते योग्य छे, एटलुं ज नहीं, परन्तु जैन शासनने माटे ए गौरवरुप पण छे. - कान्तिलाल घीया. ( उपमुख्यमन्त्री, वित्तमन्त्री व चेरमेन - इफको) * पूज्य पंन्यास श्री पद्मसागर गणिजी जैन-जेनेतर वर्गमां पोतानां आचार, विचार अने विशाल दृष्टिकोणवाला धार्मिक प्रवचनोथी घणा ज ख्यातनाम थया छे. आवा सुयोग्य मुनिश्रीने बहुमूली आचार्य पदवी अपाय छे, त्यारे तेमना गाढ परिचयमां आवेल एक प्रशंसक तरीके कांइक कहेवानुं प्रलोभन रोकी शकतो नथी. - शासनना एक प्रभावशाली अग्रणी मुनि तरीके तेओ बहार आवी रह्या छे, ते आपणा शासन- एक अहोभाग्य छे. एमना माटे घj घणुं लखी शकाय तेम छे. - नरोत्तम केशवलाल झवेरी (तत्कालीन मेयर, अमदावाद) Heartiest congratulations for the glorious function of your Acharya Padavi. ___ - Mohanlal Sukhadia. (Gevernor Of Tamilnadu) * व्यक्तित्वथी अने ज्ञानथी सौ कोईने जीती लेता आ मुनिश्रीना दर्शन करवां ए ल्हावो छे. मधुर वाणी ए तो एमना हैयानुं संगीत. कलोकोना कलाको सुधी सांभल्या ज करीए, एवी एमनी वाणीनी मीठाश. आ यन्त्रयुगनी भौतिकता वच्चे आत्मश्रीथी मानवकल्याणने झंखता जैन मुनि श्री पद्मसागरजीना आ पदवीप्रदान पर्वने ध्यान अने ज्ञानना संकेत तरीके स्वीकारी शुभ कामनाओ पाठवू छु. - चीमनभाई पटेल (पूर्व मुख्यमन्त्री) For Private And Personal Use Only
SR No.008715
Book TitleJina Shashan Ke Samarth Unnayak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2001
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size4 MB
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