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खर्चा आता है वह सारा बोझ आप पर पड़ता है. इस गरीब प्रजा को ही उसका वहन करना पड़ता है.
उसने ऐसा विवाद का रूप लिया कि तीन दिन तक चर्चा चली, मात्र ग ने गणपति का रूप ले लिया. आखिर में स्पीकर ने निर्णय किया कि वोटिंग लिया जाये. उन्होंने अपनी तरफ से गधे को खड़ा किया कि ग माने गधा होना चाहिए. आप जानते हैं यह कलिकाल है. कलिकाल में गणपतिजी का संसार में विरोध हैं, गधा फिर भी मान्य है. _ विवाद को लेकर जब पेपर में चर्चा का विषय बना तो लोगों के अन्तर भाव को कितनी चोट पहुंची होगी. एक थोड़े से समुदाय को प्रसन्न करने के लिए हजारों, वर्षों से चली आ रही हमारी संस्कृति को हम नुकसान पहुचायेंगे, तो हमारे संस्कार को वह क्या असर डालेगा, मैंने एक मात्र दो नमूना बतलाया. एक सामान्य विवाद कितना भयंकर रूप ले लेता हैं. ये अच्छा हआ कि साम्प्रदायिक प्रभावना आगे नहीं बढी. कछ नियंत्रण में आ गया. नहीं तो हजारों लाखों व्यक्तियों की गर्दन चली जाती. __ छोटी-छोटी बात को लेकर के यहां तनाव खड़ा होता है. एक सामान्य बात को लेकर सांप्रदायिक युद्ध हो जाता है. न जाने कितने निर्दोष व्यक्ति अपने प्राण गंवा बैठते हैं. आचार्य भगवन्त ने निर्देश दिया कि नहीं, कोई ऐसा विषय विवाद को रूप न ले, उसके लिए सावधानी रखना.
अंग्रेज यहां राज्य करके गये. उनकी एक नीति बड़ी सुन्दर थी किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावना को चोट न पहुंचे तभी हमारा शासन रहेगा, इसलिए उन्होंने कभी धार्मिक कार्य में हस्तक्षेप करने का प्रयास नहीं किया. राजनीतिक दृष्टि से वे चाहे कैसे भी हों, परन्तु कभी किसी की धार्मिक भावना को ठेस लगे, ऐसा कोई कार्य नहीं करना, यह उनका एक निर्णय था इसलिये वे इतने टिक पाये.
प्रसंग ऐसे उनके समय में आये. बड़ी कुशलता के साथ उन्होंने उसको समझाया. हमारे यहां तो सरकार छोटी-छोटी बातों में भी हस्तक्षेप करेगी. उसमें हस्तक्षेप का प्रयास करेगी, चाहे यह कार्य किसी भी तरह से हो मुझे कर देना है. जरा से स्वार्थ के लिए भले ही देश का नुकसान हो जाए, हमारी परम्परा को चोट पहुंच जाए, हमारे संस्कार के ऊपर भयंकर असर डालने वाली हो तो भी अपने महत्व को सिद्ध करने के लिए कार्य की सिद्धि के लिए वह कछ भी करने को तैयार है.
एमरजेन्सी के वक्त ऐसा ही प्रसंग आया. निर्णय लिया गया कि बिहार के अन्दर जितने भी मंदिर विवाद में है, जहां समस्या है उनका राष्ट्रीयकरण कर दिया जाये. मन्दिरों का भी राष्ट्रीकरण कर दिया जाये. मैं अहमदाबाद था वहां के उप-मुख्यमन्त्री ने आकर मुझे बताया महाराज जी ऐसी बात है यह निर्णय लिया गया है. इसका पहले प्रयोग बिहार में होगा. हिन्दू और जैन दोनों के करीब 200 मंदिरों का राष्ट्रीकरण करना है. ऐसा निर्णय हमारी वर्किंग कमेटी ने लिया है. यह अब ऐक्शन में आयेगा.
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