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गुरुवाणी:
कह देगा कुछ गड़बड़ी है. चाय या कॉफी में. चाय तो है कॉफी अच्छी है परंतु शक्कर नहीं. आप किसी के साथ बातचीत करें, शब्द तो है परंतु शब्द में शक्कर नहीं हैं, माधुर्य नहीं हैं मिठास नहीं हैं. सुनने वाले का चेहरा उतर जाएगा, तन जाएगा, क्या बोलता है? समझ गए यदि ज़रा-सा उसमें माधुर्य डाल दिया. आप शब्द का प्रयोग करें सामने वाला व्यक्ति आपके शब्द का पान करके संतोष व्यक्त करेगा. उसका चेहरा खिल उठेगा. समझ लेना. मेरे शब्द के बाण से इसको सन्तोष मिला. आनन्द मिला. पान करते ही उस शब्द के माधुर्य से इसके चेहरे पर प्रसन्नता आ गई. होता है. ___ कई जगह ऐसे प्रसंग आते हैं, माधुर्य का अभाव क्लेश का कारण बनता है. घर के अंदर सास -- बहू रोज लड़तीं, स्वभाव है. मेल बैठा नहीं. किसी संत के पास गए और कहा कि महात्मन! मझे ऐसा आशीर्वाद दीजिए कि कम से कम घर का महाभारत तो बन्द हो जाए. बड़ा विचित्र संसार है. हर घर के अंदर वही कारण. सास अपने बड़प्पन को भल जाती है, वह अपना विवेक खो देती है. बड़े-छोटे का विवेक नहीं रहता. वाणी में संतुलन रहता नही. माधुर्य होता नहीं. बहू को, यह समझ कर अगर आप चलें कि वह घर की नौकरानी है. बहू यदि वह यह समझे कि ये बेकार बकवास करती है. बूढ़ी है, अकल है ही नहीं. अकल की जैसे मोनोपॉली मैंने ही ली है. तो संघर्ष का कारण बनता है. आग लगती है फिर घर में. या तो परिवार विभाजन होता है या उसका परिणाम गलत आता है. आत्म-घात तक की यात्रा होती है. पूरा परिवार पीड़ित बन जाता है. ये क्लेश की ग्रंथि बड़ी खतरनाक है. इसे यदि साफ नहीं किया गया तो अंदर-अंदर यह कैंसर पैदा करता है, वह रुग्णता पूरे परिवार के लिए श्राप बन जाती है. सारा आपका मानसिक टेन्शन उसी की तरफ लगा रहेगा, व्यापार में रुकावट, व्यवहार में रुकावट पैदा कर देगा. ये मैने कई जगह देखा है. एक घर का जरा-सा अशान्त वातावरण, वाणी के अंदर विवेक का यह अभाव कई बार पूरे घर को जलाकर राख कर देता है. ___ ये तो अनादिकालीन संस्कार हैं. सास-बहू में यदि मेल बैठ जाए तब तो बिना बुलाए लक्ष्मी उस घर में आ जाए. लक्ष्मी से पूछा गया तुम कहां निवास करती होः
अदंत: कलहो नास्ति तत्र वसाम्यह। . जिस घर में दांत का क्लेश नही हो, वहीं पर मैं निवास करती हूं. वहीं प्रेम होता है, संगठन होता है, कौटुम्बिक स्नेह होता है. परिवार के अंदर स्नेह होता है वहां मैं बिना बुलाए जाती हूं, रहती हूं. ऋषि मुनियों ने बहुत सुंदर बात बतलाई. वहीं लक्ष्मी का निवास होता है. और जहां क्लेश आया, लक्ष्मी चली जाती है. सारी पवित्रता चली जाती है. ऐसा कार्य मुझे नही करना. तो यह संसार है बड़ा विचित्र संसार है. आपको मालूम नहीं. . सास – बहू के अंदर क्लेश था और महात्मा के पास गई बहू ने कहा बड़े विवेक
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