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%Dगुरुवाणी
हमेशा वकील के पांव से ही चलता है. उसके पास चलने के लिए शक्ति नहीं है, शक्ति का अभाव है.
यह एक प्रकार का प्रतीक बन गया, फैमिली वकील, फैमिली डाक्टर. मैं आपको कहता हूं फैमिली साधु भी रखिए. जहां जाकर के हृदय खोलकर के पाप प्रकाशन कर सकें. आत्मा के आरोग्य को पा सकें.
डॉक्टर से कितना सच बोलते हैं. वहां अगर झुठ बोलें तो सही दवा मिलेगी? सब सच बोलना पड़ता है डॉक्टर के पास, सांप कितना ही टेढ़ा चले परन्तु बिल के आगे सीधा ही चलना पड़ता है. __जैसे ही डॉक्टर के यहां गए, हृदय खोलकर के पाप प्रकट कर देंगे. डाक्टर साहब, मैंने यह नशा लिया, ड्रग्स लिया, गलत काम किया, दुराचार किया और इस बीमारी से घिर गया. आप मुझे बचाओ.
सच बोलना पडता है, तब वह सही निदान करके आपकी औषधि करता है, बराबर यही काम हमारे यहां होता है. ईसाइयों में आपने देखा कन्फैशन करते हैं. पादरी के पास जा करके हृदय खोलकर पाप प्रकट करते हैं. हमारे यहां भी यह प्रक्रिया है.
"गुरु जोगो आलोयणा, निन्दिय गरहीय गुरु सगासे" यह तो अतिचार सूत्र है, प्रतिक्रमण में बोलते हैं. उसका अर्थ क्या? अपने पाप को गुरु के सामने निवेदन करें, पाप का पश्चाताप करें. पाप नहीं करने का संकल्प करें. जो प्रमाद या भूल से पाप हो गया, उसका प्रायश्चित लें और आत्म शुद्धि करें.
यहां से प्रक्रिया बतलाई, अगर आपका फैमिली साधु होगा, कल्याणकारी मित्र होगा. बिना फीस लिए आपका इलाज करेगा. मार्गदर्शन देगा. हृदय खोलकर के आप प्रकट करेंगे तो उसका उपाय बतलाएगा, बचने का उपाय बतलाएगा. पाप की शुद्धि के लिए प्रायश्चित आपको देगा. हमेशा आपकी आत्मा का वह सतत् रक्षण करेगा. क्योंकि कल्याण मित्र है. उसकी दृष्टि आपके पाकेट पर नहीं, आपकी आत्मा पर है. ___ बाहर से आप कितना भी मित्र बनाएं. मित्र की दृष्टि आपकी पाकेट पर अटकेगी. वह कभी अन्तर हृदय को स्पर्श नहीं करेगी. ऐसे मित्रों से क्या काम. कवि ने कहा
"मित्र ऐसा कीजिए, जो ढाल सरीखा होय। __ मित्र कैसा चाहिए. पहले के जमाने में युद्ध में जाते. ढाल लेकर जाते. जो शारीरिक रक्षण के काम में आता है. वार को रोकता है. तलवार की धार सहन करता है. परन्तु शान्ति के समय कहां रखा जाता है? पीठ के पीछे. कभी महाराणा छत्रपति की तस्वीर देखी है? पीठ के पीछे ढाल होता है. ____ जो सच्चा मित्र है, परोपकारी है. आपकी आत्मा की तरफ दृष्टि रखकर चलने वाला जो मित्र होगा. आत्म-कल्याण के हित से जो आपका मित्र होगा. वह कैसा? आप जब
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