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-गुरुवाणी:
जगत् का सारा व्यवहार बन्द हो जायेगा. यदि आहार नहीं लिया गया तो शरीर बन्द हो जाएगा. सारी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी. दोनों महत्त्वपूर्ण विभाग हाथ में हैं.
यह आप विचार लेना. कैसी इसकी हम सेवा करते हैं. आज का एक माडर्न फैशन है. व्यक्ति का एक मापदण्ड है. जगत का एक ऐसा गलत व्यवहार बन गया है. स्टेट्स सिंबल. प्रतिष्ठा का एक प्रतीक बन गया. मेरा फैमिली वकील, मेरा फैमिली डाक्टर. बड़े गर्व से कहते हैं. अपने दोष को छुपाने के लिए कमजोरियों को ढांकने के लिए, व्यक्ति नशे में बोलता है. उसे नहीं मालूम कि मैं अपनी कमजोरी प्रकट कर रहा हूं.
यह मेरा फैमिली डाक्टर, यह मेरा फैमिली वकील है. बोलते हैं कि नहीं? यह क्यों रखना पडता है? कारण समझ गए? झूठ बोलते हैं, तब वकील रखना पड़ा. गलत खाते हैं, तब आपको डाक्टर रखना पड़ा.
यह कोई प्रतिष्ठा का प्रतीक नहीं. यह तो अपने जीवन के अपमान का परिचय है. मैं क्या गलत कर रहा हूं? आप लोगों को ढोल पीटकर बता देते हैं. ___ गलत खाएंगे, जीभ के लिए खाएंगे तो परिणाम यह आएगा. पेट के लिए खाएं, तो कोई बीमारी न आए. यह आप जीभ के लिए खाना शुरू कर देते हैं. तब यह तमाशा होता है. जीभ का काम क्या है? कमीशन एजेन्ट. दलाल, ये सेठ आत्मा राम भाई की इतनी बड़ी पीढ़ी. इसके अन्दर दलाल जीभ है. यदि आप यहां पर पीढ़ी चलाते हो, लाखों करोड़ों रुपयों का व्यापार करते हों. यदि आप दलाल के भरोसे सौंप दो कि माल लाया करो. बाजार देखे नहीं, भाव देखे नहीं, अपनी कपैसिटी देखे नहीं और माल लिया करें. तो दलाल को क्या, चाहे सेठ दिवाली मनाये या दिवाला निकले, उसे तो अपने कमीशन से मतलब.
समझ गए! ये सेठ आत्मा राम भाई का दलाल उसे क्या मतलब कि आत्मा दुर्गति में जाए, नरक में जाये या स्वर्ग में जाए. उसे अपनी दलाली कमीशन चाहिए.
आर्डर छूटा कि ये बहुत अच्छी चीज़ है, बाजार में खाओ. चाहे तो गलत हो आपकी शारीरिक दृष्टि से हानिकारक हो, आप तो इसे कमीशन देंगे. और इसका कमीशन तो चार इंच में काट लेता है. जीभ के अन्दर. क्योंकि स्वाद ग्रहण करने के जो तत्त्व थे, वे मात्र आपकी जीभ में हैं.
आत्मा राम भाई को क्या चाहिए? इस भोजन के अन्दर. दो रोटी और दाल, इससे ये गोडाउन भर जाता है, इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए, इस शरीर के निर्वाह में. परन्तु दलाल को कमीशन मिलता है. ये भी लाओ वो भी लाओ. कमीशन काटा, माल अन्दर सप्लाई. जीभ से नीचे उतरते ही कोई स्वाद नहीं, उसका कोई आनन्द नहीं.
स्वाद सिर्फ चार अंगुल तक है, जहां तक कमीशन नहीं मिला, वहां तक आप को आनन्द देता है. पागल बना के रखता है. आपको नशे में रखता है. और लूट लेता है.
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