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गुरुवाणी
इन्सान को गधे से कुछ सीखने चाहिए परन्तु उस में तो गधे जैसा भी लक्षण आज नहीं रहा, श्रम की चोरी हमारे जीवन में नासूर बन गयी है कि उसके कारण हमें गलत रास्ता अपनाना पड़ता है. हमारा समाज यहाँ तक पतित हो गया है कि श्रम बिल्कुल नहीं करना चाहता. अगर थोड़ा सा श्रम करना पड़े तो उसे साइड इनकम का साधन समझ कर करता है, यह श्रम की चोरी हमारी साधना में भी प्रवेश कर गई है. साधना में भी हम चोरी करने लग गये हैं. जो हमें प्रामाणिकता पूर्वक आत्म कल्याण के लिए कार्य करना हैं. वहां पर भी हमारी उपेक्षा वृत्ति आ गई है और इसी का परिणाम कि हमारा सारा जीवन समस्याओं से घिर गया है.
मफतलाल अपनी आराधना में मस्त पूर्ण जागृत था. संसार से शून्य बन करके उसकी साधना चल रही थी. उसकी साधना में जरा भी संसार का प्रवेश नहीं था कि मकान गिर गया था या पत्नी चली गई थी. कोई चिन्ता नहीं. उसमें निश्चित परमात्मा समर्पण पर परिपूर्ण विश्वास था.
उसका यह नतीजा कि वे चोर उसी रास्ते से निकले. गधों को लेकर के निकले. अब वे बेचारे एक दो गधे ऐसे थे कि मोहरें और अशर्फियां लादी हुईं थी, वजन से दबे हुए गधे ने देखा कि अन्धकार है. मकान का दरवाजा खुला देखा जिसकी दीवार टूटी हुई थी. एक दो गधे जो अशर्फी और चांदी के सिक्के लेकर के जा रहे थे, वे घर में घुस गए. अन्धेरे में पता लगा नहीं, चोर जल्दी में थे आगे जाने लगे. सब गधे आगे निकल गए और ये सब विश्राम करने लग गए, सारा सोना मोहर चौक में गिर गयी. सारी अशर्फी का वहां पर ढेर लग गया. दोनों गधों ने देखा कि अब बड़ी विश्रान्ति मिल गई और विश्रान्ति लेकर गधे चलते बने.
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सुबह मफतलाल की मां उठी और देखा तो सोना मोहरों का ढेर लगा है. जब प्रारब्ध होता है तो सहज में प्राप्त हो जाता है. यह श्रद्धा और विश्वास का परिणाम है. मफतलाल जब संवत्सरी पर्व की आराधना करके घर पर आया तो मां ने बड़े प्रेम से उनको आशीर्वाद दिया. मां ने कहा- बेटा तेरी धर्म साधना हमारे लिए फलीभूत हो गई. जीवन का दुष्काल चला गया. सारी गरीबी चली गई. तूने जो सुन्दर पुण्य कार्य किया, यह उसी का परिणाम है.
मफतलाल ने कहा मां बहुत लोग आए मुझे बहुत सताया किसी ने कहा पत्नी चली गई, क्या तुम जानती हो ? अगर मैं गया होता और समझाकर घर पर ले आया होता, यह माल घर पर जो आया है, यह न बचता.
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स्त्रियों के पेट में बात जल्दी नहीं पचती पूरे गांव में ढोल पीट दिया कि ऐसी घटना मेरे घर पर घटी है. परिणाम यह हुआ कि गांव के राजा ने सारा माल कब्जे में कर लिया. मफतलाल ने कहा, मालूम है अगर मैं नया कुत्ता लेकर के आता तो कुत्ते की आदत हैं, घर में गधे को घुसने न देता, वह भों-भों करके निकाल देता, आई हुई लक्ष्मी चली जाती.
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