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-: कुछ जानकारियॉ :
धर्म वह है, जो जीवन में, शांति व सद्गुण भरता हैं । धर्म वह है, जो मन में समता व समाधि करता हैं ।। जानता है, हर मानव इस बात को, बंधुओ धर्म वह है जो कर्मों के दल दल को हरता है ।
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धर्म साधन है, मोक्ष साध्य
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जैसे साँचे में डालिये, वैसा बने आकार । मानव वैसा ही बने, जैसा उसका विचार ।।
सूर्य गर्म है चांद दगीला तारों का संसार नही है । जिस दिन चिता न जले, ऐसा कोई त्यौहार नहीं है ।।
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गति चपल :- ऊँट के माफिक चले।
( 3 ) भाषा चपल : - बिना सोचे समझे बोले।
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चार चपल को ज्ञान नहीं आता :( 1 ) स्थान चपल : - इधर-उधर फिरता और बैठता रहें ।
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