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(4)भाव चपल :- एक कार्य पूरा किये बिना दूसरा करें।
चार के चार परिणाम :
गुरु दर्शन से दरिद्रता जाती है। भगवान् की वाणी-श्रवण से पाप का क्षय होता है।
जागते रहने से, चोर नहीं आता। मौन रहने से, क्रोध नहीं आता।
प्रगति का मुख्य साधन :- अटल धैर्य।
विपत्ति का साथी :- साहस। सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त :- जब मन में हो उत्साह । विवेक को डुबाने वाला चुल्लू भर पानी :- शराब। एक व्यक्ति नित्य अशुद्ध रहता है :- असत्यवादी। एक बात कभी मुंह से मत कहो :- पराया भेद।
कभी नहीं टूटने वाला एक कवच है :- नम्रता प्रत्येक मानव के साथ एक वरिष्ठ सलाहकार :- जाग्रत विवेक।
संसार में जीवित स्वर्ग है :- प्रसन्न परिवार।
शांति का एक ही मार्ग हैं :- संतोष ।
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