________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
" सच्चा सुख तो वही, जो तृप्ति प्रदान करे। वह तो दुःख है, गहन दुःख, जिससे तृष्णा जगती है।"
___“ धर्मिष्ठ व्यक्ति का संसर्ग आत्मा को अनेक दुर्गुणों से बचाता हैं।
" आराधना से प्राप्त किया हुआ बल फलदायक होता है, जबकि किसी निमित्त (न्याणा बाँधकर) प्राप्त किया बल व्यक्ति को पायमाल कर देता हैं। आराधना से बलशाली बना व्यक्ति सद्गति में जाता हैं। जबकि न्याणा बांधकर बलशाली बना व्यक्ति नरक का अधिकारी बनता हैं।"
सम्मान की पूंजी देने पर मिलती है, बाँटने पर बढ़ती है, और बटोरने पर समाप्त हो जाती है। अतः सम्मान दो फिर सम्मान लो।
54
For Private And Personal Use Only