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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra २ ] www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निकलता था, उन्हीं जटाधारी तपस्वी रूपी फरणीधरों के मुंह से अब श्री योगशास्त्र रूपी अमृत बाहर आ रहा है । यशपाल कृत मोह पराजय नाटक के योगशास्त्र को वज्र कवच के समान कहा योगविंशिका के पश्चात् योगशास्त्र की ही प्रधानता है । योगशास्त्र ५ वें अंक में मुमुक्षु के लिए गया है । हरिभद्रसूरि कृत प्रश्न उठता है कि संसार में अनेक योग विषय ग्रन्थ हैं, फिर आपने योगशास्त्र को ही क्यों पसंद किया ? योगदर्शन, योगतत्त्व, योगतारिका, योगसूक्तावलि, योगानुशासन, योगसार संग्रह, योगमार्ग प्रकाशिका, योगबीज आदि ग्रन्थों में कहा गया है कि 'योग: कर्मेषु कौशलम्' अर्थात् योगकर्म में कुशलता है। योगशास्त्र बताता है कि यदि किसी भी प्रकार की क्रिया में कुशलता प्राप्त करनी हो तो वह योग से ही हो सकता है । भजन करते समय मनोयोग होना चाहिए तभी भजन में प्रानंद श्रायेगा | हमारा योगशास्त्र यहाँ तक कहता है कि भोजन के समय भी योगी बने रहना चाहिए। यदि आप भोजन के समय काय योग का पालन नहीं करेंगे और स्वादेन्द्रिय के अधीन होकर ठूस-ठूस कर भोजन कर लेंगे तो बाद में अपने शरीर में अनेक रोगों को निमंत्रित कर लेंगे । अतः भोजन में भी योग संयम की आवश्यकता है । यह आवश्यक नहीं कि योग करने वाला योगी वन में ही रहे । संसार के कीचड़ के मध्य रहते हुए भी कमल की भांति उस कीचड़ से अलग रहने की कला हमारा योगशास्त्र ही सिखाता है । पिंडस्थ, पदस्थ, रूपस्थ और रूपातीत जैसे महान् ध्यान का रहस्य इसी ग्रन्थ में है । प्राणायाम का स्वरूप, परकाय प्रवेश जैसी विद्याओं का रहस्य, तथा मृत्यु कब होगी यह जानने का उपाय इसी ग्रंथ में है । मार्गानुसारिता, सम्यक्त्वमय जीवन, देश विरति, सर्वविरति, अप्रमत्त चरित्र जीवन आदि जीवनकला के सभी गूढ़ रहस्य इसी ग्रंथ में सन्निहित हैं । For Private And Personal Use Only राजयोग की भव्यता को बताने वाला भी यही सर्वोत्तम ग्रन्थ है । हेमचन्द्रसूरिकृत योगशास्त्र और शुभचन्द्र का ज्ञानार्णव ग्रन्थ प्रायः समानता रखने वाले हैं । कितने ही श्लोक शब्दतः मिलते हैं, जैसे
SR No.008690
Book TitleYogshastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharnendrasagar
PublisherBuddhisagarsuri Jain Gyanmandir
Publication Year
Total Pages157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size8 MB
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