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तत्वबिन्दु.
(१७५) ५८६ कालथी पक्षांतर्भिन्न पक्ष देखे तो छतो क्षेत्रथकी पच्चीशयोजनने
अवधिज्ञानी देखे. (वि)
५८७ क्षेत्रथी भरतक्षेत्र देखतां छतां कालथकी अर्धमास अवधिज्ञानी
देखे. जंबुद्वीप विषयमा साधिक मास जाणवो. मनुष्यलोकमां वर्ष रुचकाख्य बाह्यद्वीपविषयमां अवधिज्ञाननो काल बे वर्षथी नववर्षनो जाणवो. अन्यो तो हजार वर्ष कहेछे. क्षेत्रगत अने कालगतरूपि द्रव्यने अवधिज्ञानी देखे. मंचाः क्रोशंति इत्यादि न्यायनी पेठे उपचारथी क्षेत्रकालने जाणेछे देखेछे एम जाणवू नतु साक्षात्.
गाथा. काले चउण्हवुढी, कालो भइयव्यो खेत्तबुढिए; वुवीए दव पजव, भइअव्वा खेत्तकाला ॥
अवधिगोचर काल वृद्धि थए छते क्षेत्रादिनी वृद्धि चारनी वृद्धि कालथी क्षेत्र मूक्ष्मले. क्षेत्रथी द्रव्यमूक्ष्मछे. द्रव्यथी भाव मुक्ष्मछे.
५८८
५८९ अवधिज्ञानना कालनो समय वृद्धि पामतां क्षेत्रना प्रभूतपदेशो
वृद्धि पामेछे. क्षेत्रनी वृद्धि थतां भाव (पर्याय ) नी वृद्धि थायठेज.
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