________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
.
.
.
-
.
-
.
-
-
अष्ट प्रवचन मातानी सझ्झायो. ९९९ ते भणी असन वसनादिका, आश्रय सर्व अववायरे ॥ साधु० ॥७॥ जिन गुण स्तवन निज तत्त्वने, जोइवा करे अविरोधरे। देशना भव्य प्रतिबोधवा, वायणा करण निज बोधरे ॥ साधु० ॥८॥ नय गम भंग निक्षेपथी, स्वहित स्याहादयुत वाणरे। सोल दश चार गुणसु मिलि, कहे अनुयोग सुपहाणरे ॥साधु०॥९॥ सूत्रने अर्थ अनुयोग ए, बीय नियुक्ति संजुत्तरे, तीय भाष्ये नये भावियो, मुनि वदे वचन एम तंतरे॥ साधु० ॥१०॥ ज्ञान समुद्र समता भर्या, संवरी दया भंडाररे। तत्व आनंद आखादता, वंदिए चरण गुणधाररे ॥ साधु० ॥ ११ ॥ मोह उदये अमोही जिसा, शुद्ध निज साध्य लयलीनरे ।
For Private And Personal Use Only