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आगमसार.
Nornoon
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समय एकछे ते माटे. तथा स्वकाल ते अनादि अनंत छे. स्वभाव ते गुण चार अने अगुरुलघु अनादि अनंतछे. अतीत काल अनादि सांत छे अने वर्तमानकाल सादि सांत छे अनागत काल सादि अनंत छे.
. पुद्गल द्रव्यमा स्वद्रव्य ते द्रव्यपणे जे पूरणगलन धर्म ते अनादि अनन्त छे अने स्वक्षेत्र परमाणु ते सादि सांत छे. स्वकाल स्थिति अगुरुलधु गुण ते अनादि अनंत छे. अगुरुलघुनो उपजवो विणशवो ते सादि सांत छे. स्वभावते गुण चार अनादि अनंत छे. वर्णादि पर्याय चार एटले वर्ण गंध रस स्पर्श ते सादि सांत छे. ए द्रव्यादि चारमा चौभंगी कही. - हवे छ द्रव्यना संबन्ध आश्री चौभंगी कहे छे, तिहां प्रथम आकाश द्रव्य छे तेमां अलोकाकाशमां कोइ द्रव्य नथी, अने लोकाकाशमा छ द्रव्य छ, तिहां लोकाकाश द्रव्य तथा बीजुं धर्मास्तिकाय द्रव्य अने त्रीजं अधर्मास्तिकाय द्रव्य ते अनादि अनंत संबंधी छे जे लोकाकाशना एकेक प्रदेशमां धर्म द्रव्य तथा अधर्म द्रव्यनो एकेक प्रदेश रह्यो छे ते पण किवारे विछडसे नहीं माटे अनादि अनंत संबंधी छे. आकाश खेत्र लोक सर्व अने जीव द्रव्यनो अनादि अनंत संबंध छे, अने संसारी जीव कर्म सहित तथा लोकना प्रदेशनो सादि सांत संबन्ध छे. लोकांत सिद्धक्षेत्रना सिद्ध जीवोनो आकाश प्रदेश साथै सादि अनंत संबन्ध छे, लोकाकाश अने पुद्गल द्रव्यनो अनादि अनंत संबन्ध छे. आकाश प्रदेशनी साथे पुद्गल परमाणुनो सादि सांत संबन्ध छे. एम आकाश द्रव्यनी परे धर्मास्तिकाय तथा अधर्मास्तिकायनो पण सर्व संबन्ध जाणवो. जीव अने पुद्गलना संबंधमां अभव्य जीवने पुद्गलनो अनादि अनंत
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