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षड् द्रव्य विचार.
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एकठा रहे छे अने एक बीजा साथै सारीरीते मित्रताइ राखे छे. परस्पर भलु वांछे छे. एक दीवसे पांच मित्रोए दारु पीधो, ते दारुनी नीशा खुव चढी, त्यारे, ते अरस्परस गाळो देवा लाग्या. अने एक बीजाने मारवा लाग्या, तेमां ए सर्व प्रपंचनु कारण दारु छे, हवे ज्यारे ए दारुनो नीशो उतरी गयो त्यारे ते एक बीजा साथे हळीमळीने बातो क रखा लाग्या, अने मित्रपणे वर्ता लाग्या. तेम कर्मरूपी दाना जुस्साथी सर्व जीवो ए क बीजाने शत्रु दुश्मन भाइ बेन वगेरे प्रपंच तरीके माने छे, पण तेमां जीवोनो कांइवांक नथी. ए सर्व कमेनुं फळ छे, अने कर्मे करी जीव वीजा जीवने दुश्मन तरीके धारे छे.