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निराकार माने छे अने विवर्तवादनी दृष्टिए परमेश्वरनां अमुक प्रतीको कल्पीने तेने साकार इश्वर तरीके माने छे. नैयायिको अने वैशेषिको परमेश्वरने निराकार माने छे. पतंजलिए पातंजलयोगदर्शनमां परमात्माने निराकार मान्यो छे. आर्यसमाजीओ, परमेश्वरने निराकार माने छे. स्त्रीस्तिओ परमेश्वरने साकार माने छे. बौद्धो परमेश्वरने साकार तथा निराकार माने छे. जैनो परमेश्वरने साकार तथा निराकार भाने छे. हिंदुओ, मुसलमानो, ख्रिस्तिओ, जैनो, बौद्धो, अनेक दृष्टिविंदुओनी अपेक्षाए परमेश्वरनी द्रव्यपूजा तथा भावपूजाने माने छे. द्रव्य ते भावनुं कारण छे. साधनथी साध्यनी प्राप्ति थाय छे. ज्यां सुधी केवलज्ञानी परमात्माओ अघातीकर्मना योगे शरीरमां रहेला होय छे त्यां सुधी ते साकारपरमेश्वरो छे अने सर्वकर्मथी रहित थे सिद्धबुद्ध परमात्मा थाय छे त्यारे ते निराकार परमेश्वर तरीके गणाय छे. साकारपरमेश्वरमां अरिहंत, जिन, आचार्य, उपाध्याय अने मुनि साध्वीनो समावेश थाय छे. अष्टकर्म रहित सर्व शुद्धात्माओनो निराकार परमेश्वरमा समावेश थाय छे. आत्माना असंख्यप्रदेशो अने तेमां रहेल अनंतज्ञान ज्योतिने अनंत नूर-तेज सागर कहेवामां आवे छे. श्रद्धाप्रीति ज्यां छे त्यां अवश्यप्रतिमा पूजा आदि स्वयमेव प्रगटे छे. प्रेम त्यां प्रतिमा पूजा छे. साकारना प्रेमथी साकारनी पूजा थाय छे, अने निराकारना प्रेमथी निराकारनी पूजा थाय छे. साकारनी पूजा सिद्ध थया बाद निराकारमभुनी पूजा थइ शके छे. बाल जीवो, साकारप्रभुओनी भक्ति करीने हृदयनी शुद्धि करी शके छे. हृदयनी शुद्धि थया पछी ज्ञान प्रगटे छे अने ते ज्ञानथी निराकारप्रभुनी ध्यानरूप पूजा थाय छे. साकारपूजा ए प्रथम मोक्षमार्गर्नु पगथियुं छे. साकारपूजा करनार साकार प्रभु अने तेना वियोगमांसाकार प्रभुनी प्रतिमानुं तथा गुरुनी प्रतिमार्नु पूजन करे छे, तेनी दृष्टिमां प्रतिमामां साकार प्रभुतुं स्वरूप रमो रहे छे.
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